Shri Sammed Shikhar Arghavali

श्री सम्मेद शिखरजी अर्घ्यावली
प्रार्थना: हे प्रभु! मेरे से रास्ते में जाने-अनजाने जीव हिंसा ना हो। शांति भाव, समता और मोक्ष मार्ग की भावना बनी रहे।

चोपड़ा कुंड: चोपड़ा कुंड सम्मेद शिखर गिरिराज पे चोपड़ा कुंड महान। पारस चंदा बाहुबली पूजूँ मैं धरि ध्यान॥
ॐ ह्रीं श्री सम्मेदशिखर-चोपड़ाकुंडे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

 1.⁠ ⁠श्री गौतम गणधर कूट
२४सो जिनराज के गणनायक हैं जे, मन वच तन कर पूज हूँ शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री गौतमगणधरदेवाय सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

 2.⁠ ⁠श्री कुंथुनाथ स्वामी - ज्ञानधर कूट
कुंथुनाथ जिनराज का कूट ज्ञानधर जे, मन वच तन कर पूज हूँ शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री कुंथुनाथ जिनेंद्राय ज्ञानधर कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

 3.⁠ ⁠श्री नमिनाथ स्वामी - मित्रधर कूट
नमिनाथ जिनराज का कूट मित्रधर जे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री नमिनाथ जिनेंद्राय मित्रधर कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

 4.⁠ ⁠श्री अरहनाथ स्वामी - नाटक कूट
अरहनाथ जिनराज का नाटक कूट है जे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री अरहनाथ जिनेंद्राय नाटक कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

 5.⁠ ⁠श्री मल्लिनाथ स्वामी - संबल कूट
मल्लिनाथ जिनराज का संबल कूट है जे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री मल्लिनाथ जिनेंद्राय संबल कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

 6.⁠ ⁠श्री श्रेयांसनाथ स्वामी - संकुल कूट
श्रेयांसनाथ जिनराज का संकुल कूट है जे, मन वच तन कर पूजहु हूँ शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री श्रेयांसनाथ जिनेंद्राय संकुल कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

 7.⁠ ⁠श्री पुष्पदंत स्वामी - सुप्रभ कूट
पुष्पदंत जिनराज का सुप्रभ कूट है जे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री पुष्पदंत जिनेंद्राय सुप्रभ कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

 8.⁠ ⁠श्री पद्मप्रभ स्वामी - मोहन कूट
पद्म प्रभु जिनराज का मोहन कूट है जे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री पद्मप्रभ जिनेंद्राय मोहन कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

 9.⁠ ⁠श्री मुनिसुव्रतनाथ स्वामी - निर्जर कूट
मुनि सुव्रत जिनराज का निर्जर कूट है जे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री मुनिसुव्रतनाथ जिनेंद्राय निर्जर कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

10.⁠ ⁠श्री चंद्रप्रभ स्वामी - ललित कूट
चंद्र प्रभु जिनराज का ललित कूट है जे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री चंद्रप्रभ जिनेंद्राय ललित कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

11.⁠ ⁠श्री आदिनाथ भगवान (कैलाश)
ऋषभदेव जिन सिद्ध भए गिरी कैलाश से जोए, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री ऋषभदेव जिनेंद्राय सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

12.⁠ ⁠श्री शीतलनाथ स्वामी - विद्युत वर कूट
शीतलनाथ जिनराज का कूट विद्युत वर जे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री शीतलनाथ जिनेंद्राय विद्युत वर कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

13.⁠ ⁠श्री अनंतनाथ स्वामी - स्वयंभू कूट
अनंतनाथ जिनराज का कूट स्वयंभू वर जे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री अनंतनाथ जिनेंद्राय स्वयंभू कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

14.⁠ ⁠श्री संभवनाथ स्वामी - धवल कूट
संभवनाथ जिनराज का धवलकूट वर जे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री संभवनाथ जिनेंद्राय धवल कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

15.⁠ ⁠श्री वासुपूज्य भगवान (चंपापुर)
वासु पूज्य जिन सिद्ध गए चंपापुर से जे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री वासुपूज्य जिनेंद्राय सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

16.⁠ ⁠श्री अभिनंदननाथ स्वामी - आनंद कूट
अभिनंदन जिनराज का आनंद कूट सुजे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री अभिनंदननाथ जिनेंद्राय आनंद कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

17.⁠ ⁠श्री धर्मनाथ स्वामी - सुदत्त वर कूट
धर्मनाथ जिनराज का कूट सुदत्तवर है जे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री धर्मनाथ जिनेंद्राय सुदत्त वर कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

18.⁠ ⁠श्री सुमतिनाथ स्वामी - अविचल कूट
सुमतिनाथ जिनराज का अविचल कूट है जे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री सुमतिनाथ जिनेंद्राय अविचल कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

19.⁠ ⁠श्री शांतिनाथ स्वामी - कुंद प्रभु कूट
शांतिनाथ जिन राज का कुंद प्रभुकूट है जे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री शांतिनाथ जिनेंद्राय कुंद प्रभु कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

20.⁠ ⁠श्री महावीर स्वामी (पावापुर)
महावीर जिन सिद्ध भए पावापुर से जे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री महावीर जिनेंद्राय सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

21.⁠ ⁠श्री विमलनाथ स्वामी - सुवीर कूट
विमलनाथ जिनराज सुवीर कूट है जे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री विमलनाथ जिनेंद्राय सुवीर कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

22.⁠ ⁠श्री सुपार्श्वनाथ स्वामी - प्रभास कूट
सुपार्श्वनाथ जिनराज का प्रभास कूट है जे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री सुपार्श्वनाथ जिनेंद्राय प्रभास कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

23.⁠ ⁠श्री अजितनाथ स्वामी - सिद्धवर कूट
अजितनाथ जिनराज का सिद्धवर कूट है जे, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री अजितनाथ जिनेंद्राय सिद्धवर कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

24.⁠ ⁠श्री नेमिनाथ स्वामी - गिरनार
नेमिनाथ जिन सिद्ध भए सिद्ध क्षेत्र गिरनार, मन वच तन कर पूजहु भवददी पार उतार।
ॐ ह्रीं श्री नेमिनाथ जिनेंद्राय सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।

25.⁠ ⁠श्री पार्श्वनाथ स्वामी - स्वर्णभद्र कूट
पार्श्वनाथ जिनराज का स्वर्णभद्र है कूट, मन वच तन कर पूजहु शिखर सम्मेद यजे।
ॐ ह्रीं श्री पार्श्वनाथ जिनेंद्राय स्वर्णभद्र कूट सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्रे अर्घं निर्वपामीति स्वाहा।